Advertisement

ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सर्वोच्च अदालत का अहम फैसला, वाहन चालकों को मिली बड़ी राहत Supreme Court Decision

Supreme Court Decision: भारत में वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। बिना लाइसेंस वाहन चलाना न केवल गैरकानूनी है बल्कि इसके लिए भारी जुर्माना और जेल की सजा का भी प्रावधान है। वाहन चलाने के लिए आवश्यक ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने हेतु व्यक्ति की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे वाहन चालकों को काफी राहत मिलेगी। इस लेख में हम इस फैसले के बारे में विस्तार से जानेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक अहम फैसला सुनाते हुए अपने 2017 के निर्णय को बरकरार रखा है। इस फैसले के अनुसार, लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारक भी हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं। यह फैसला उन वाहन चालकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जिनके पास केवल LMV लाइसेंस है। अब इस फैसले के बाद LMV लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम से कम वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकेंगे।

Also Read:
Free Silai Machine Yojana फ्री सिलाई मशीन योजना के फॉर्म भरना शुरू Free Silai Machine Yojana

सड़क सुरक्षा और LMV लाइसेंस

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि अब तक ऐसा कोई डेटा सामने नहीं आया है जिससे यह साबित होता हो कि LMV लाइसेंस धारकों ने सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि में योगदान दिया है। इस प्रकार, कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि LMV लाइसेंस धारकों को हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने से रोकने का कोई ठोस आधार नहीं है। यह फैसला सड़क सुरक्षा के साथ-साथ वाहन चालकों के अधिकारों को संतुलित करने का एक प्रयास है।

फैसले के पीछे न्यायिक विचार

Also Read:
EPFO New Rule 7 करोड़ PF खाता धारकों के लिए बड़ी खबर, EPFO ने किए 5 बड़े बदलाव EPFO New Rule

पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस पीठ में न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। यह विविध और अनुभवी न्यायिक पीठ इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है, जिससे इस फैसले का महत्व और भी बढ़ जाता है।

बीमा कंपनियों पर प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बीमा कंपनियों को एक बड़ा झटका लगा है। पहले बीमा कंपनियां उन मामलों में दावों को अस्वीकार कर देती थीं जिनमें दुर्घटनाएं ऐसे वाहनों से हुई थीं जिन्हें LMV लाइसेंस धारक चला रहे थे और वाहन ट्रांसपोर्ट श्रेणी में आते थे। अब बीमा कंपनियां ऐसे दावों को अस्वीकार नहीं कर सकेंगी और उन्हें सभी वैध दावों का भुगतान करना होगा।

Also Read:
School Summer Vacation छात्रों की हो गई बल्ले बल्ले, 45 दिन बंद रहेंगे स्कूल School Summer Vacation

बीमा कंपनियों की आपत्तियां

बीमा कंपनियों की प्रमुख शिकायत यह थी कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) और विभिन्न अदालतों ने उनकी आपत्तियों को अनदेखा कर दिया था और उन्हें बीमा क्लेम का भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे। इन कंपनियों का मानना था कि LMV लाइसेंस धारक ट्रांसपोर्ट वाहन नहीं चला सकते, और इसलिए ऐसे मामलों में दावों का भुगतान करने के लिए वे बाध्य नहीं हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इस विवाद का समाधान कर दिया है।

LMV की परिभाषा और वजन सीमा

Also Read:
PM Ujjwala Yojana Registration फ्री गैस सिलेंडर योजना के आवेदन फॉर्म भरना शुरू PM Ujjwala Yojana Registration

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में LMV की परिभाषा को स्पष्ट किया है। कोर्ट ने यह भी निर्धारित किया है कि वजन के अनुसार कौन से वाहन हल्के मोटर वाहनों की श्रेणी में आते हैं। इस फैसले के अनुसार, 7500 किलोग्राम से कम वजन वाले ट्रांसपोर्ट वाहन हल्के मोटर वाहनों की श्रेणी में आते हैं, और LMV लाइसेंस धारक इन्हें चला सकते हैं। यह स्पष्टता वाहन चालकों और बीमा कंपनियों के बीच भविष्य के विवादों को कम करने में मदद करेगी।

विवादों का समाधान

ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में कई बीमा कंपनियां अपने फायदे के लिए नियमों की अलग-अलग व्याख्या कर रही थीं। ट्रांसपोर्ट वाहनों से हुई दुर्घटनाओं के कुछ मामलों में कई बीमा कंपनियां दावों के भुगतान से बचने की कोशिश कर रही थीं। LMV लाइसेंस धारकों द्वारा चलाए जा रहे इन वाहनों को लेकर कई कानूनी प्रश्न उठे थे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन सभी विवादों और बीमा कंपनियों की आनाकानी का समाधान किया है।

Also Read:
High Court सरकारी कर्मचारियों के तबादले के मामले में हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, बताया- नहीं होता ये अधिकार High Court

वाहन चालकों के लिए लाभ

इस फैसले से वाहन चालकों को अनेक लाभ मिलेंगे। अब LMV लाइसेंस धारक बिना किसी अतिरिक्त लाइसेंस के हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकेंगे। इससे उन्हें अपनी आजीविका कमाने में सहायता मिलेगी, विशेष रूप से उन लोगों को जो छोटे वाहनों का उपयोग करके माल ढुलाई या यात्री परिवहन का कार्य करते हैं। साथ ही, अब दुर्घटना होने पर बीमा कंपनियां केवल लाइसेंस के आधार पर दावों को अस्वीकार नहीं कर सकेंगी।

भविष्य के लिए मार्गदर्शन

Also Read:
Ladli Behna Awas Yojana List लाड़ली बहना आवास योजना की नई लिस्ट जारी Ladli Behna Awas Yojana List

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल वर्तमान विवादों का समाधान करता है बल्कि भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह फैसला ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों, वाहनों की श्रेणियों और बीमा दावों के संबंध में स्पष्टता लाता है। इससे संबंधित अधिकारियों, वाहन चालकों और बीमा कंपनियों को अपने कार्यों और नीतियों को समायोजित करने में मदद मिलेगी।

कानूनी प्रावधानों की समझ

यह फैसला हमें यह भी याद दिलाता है कि वाहन चलाने से संबंधित कानूनी प्रावधानों की समझ रखना कितना महत्वपूर्ण है। सभी वाहन चालकों को अपने लाइसेंस के प्रकार, उसके अधिकारों और सीमाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इससे न केवल वे कानूनी परेशानियों से बच सकेंगे बल्कि दुर्घटना होने पर बीमा दावों में भी समस्याओं से बच सकेंगे।

Also Read:
8th Pay Commission 1 करोड़ कर्मचारियों को झटका, अभी करना होगा इतना इंतजार 8th Pay Commission

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह फैसला LMV लाइसेंस धारकों को हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने का अधिकार देता है और बीमा कंपनियों को इस आधार पर दावों को अस्वीकार करने से रोकता है। इस फैसले से वाहन चालकों और बीमा कंपनियों के बीच चल रहे विवादों का समाधान होगा और भविष्य में इस तरह के विवादों से बचा जा सकेगा। सभी वाहन चालकों को इस फैसले के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि वे अपने अधिकारों का सही तरीके से उपयोग कर सकें।

Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। वाहन चलाने और ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित किसी भी कानूनी मामले के लिए, कृपया योग्य कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श करें। लेख में दी गई जानकारी लेखन के समय सही है, परंतु कानूनी प्रावधानों और नियमों में परिवर्तन हो सकता है। सभी वाहन चालकों को अपने क्षेत्र के वर्तमान नियमों और कानूनों से अवगत रहना चाहिए।

Also Read:
PM Kisan 20th Installment पीएम किसान योजना 4000 रुपए की 20वीं क़िस्त तिथि जारी PM Kisan 20th Installment

Leave a Comment

Whatsapp Group