salary hike: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बेहद सुखद समाचार सामने आया है। लगभग 1.2 करोड़ सेवारत और सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही सैलरी और पेंशन बढ़ोतरी की प्रतीक्षा अब खत्म होने वाली है। सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया को तेज़ कर दिया है और अनुमान है कि केवल 7 महीने में कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी मिलने लगेगी। यह केंद्रीय कर्मचारियों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, क्योंकि पहली बार इतने कम समय में वेतन आयोग का गठन से लेकर उसकी सिफारिशों को लागू करने तक का कार्य पूरा किया जाएगा।
8वें वेतन आयोग का गठन
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी। यह आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होना है, जब 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। सरकार ने इस बार कुछ अनोखा करने का फैसला लिया है और वेतन आयोग की सिफारिशों को तय समय पर लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। आमतौर पर वेतन आयोग के गठन से लेकर उसकी सिफारिशों को लागू करने तक दो से ढाई साल का समय लगता है, लेकिन इस बार सरकार ने महज 200 दिनों में यह कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
प्रक्रिया को तेज करने के लिए विशेष टीम का गठन
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी संशोधन प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए सरकार ने एक विशेष टीम का गठन किया है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 8वें वेतन आयोग के कार्य के लिए 35 पदों का ब्योरा जारी किया है। इन पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति प्रतिनियुक्ति के आधार पर की जाएगी। इस टीम का मुख्य कार्य वेतन आयोग की सिफारिशों को निर्धारित समय के भीतर तैयार करना और उन्हें लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाना होगा।
जल्द ही होगी संदर्भ की शर्तों की घोषणा
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के संदर्भ में, सभी विभागों से टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) की सिफारिशें मांगी गई थीं। इस संबंध में राष्ट्रीय परिषद जेसीएम की स्थाई समिति के कर्मचारी पक्ष और अन्य सदस्यों की बैठक भी हुई थी, जिसमें आठवें सीपीसी की संदर्भ शर्तों पर विस्तृत चर्चा की गई। कर्मचारियों की ओर से कई मांगों को टर्म ऑफ रेफरेंस में शामिल करने का अनुरोध किया गया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार जल्द ही इस महीने के अंदर संदर्भ की शर्तों की आधिकारिक घोषणा कर सकती है।
फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होगी नई सैलरी
केंद्रीय कर्मचारियों की नई सैलरी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय की जाएगी। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस बार कर्मचारियों के लिए 2.0 या 1.9 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया जा सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.0 रखा जाता है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपए से बढ़कर 36,000 रुपए के आसपास हो जाएगी। वहीं अगर फिटमेंट फैक्टर 1.9 लागू होता है, तो न्यूनतम सैलरी 34,200 रुपए हो सकती है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार अंततः कितना फिटमेंट फैक्टर निर्धारित करेगी।
पे मैट्रिक्स में हो सकते हैं महत्वपूर्ण बदलाव
कर्मचारी संगठनों के अनुसार, वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 18 तक के लेवल बने हुए हैं। 8वें वेतन आयोग में कुछ शुरुआती लेवल्स को मर्ज किया जा सकता है ताकि पे मैट्रिक्स में आवश्यक बदलाव किए जा सकें। यह कदम कर्मचारियों के हित में होगा और उनके वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि को सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, कर्मचारियों के बीमा राशि में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा और मजबूत होगी।
कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांगें
केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से 8वें वेतन आयोग के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं। इनमें सबसे प्रमुख मांग है कि वेतन संशोधन 10 साल के बजाय 5 साल में किया जाए। कर्मचारियों का तर्क है कि आज के डिजिटल युग में, जब सभी प्रक्रियाएं कंप्यूटरीकृत हैं, वेतन संशोधन में इतना लंबा समय नहीं लगना चाहिए। उनका मानना है कि 5 साल का अंतराल मुद्रास्फीति और बदलती आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से अधिक उचित होगा।
रिकॉर्ड समय में पूरा होगा कार्य
केंद्रीय कर्मचारियों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन से लेकर इसे लागू करने तक एक नया रिकॉर्ड बनाएगी। नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल के अनुसार, नए वेतन आयोग के लिए आवश्यक स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है और सरकार के पास अब ज्यादा समय नहीं बचा है। मोदी सरकार इस पूरी प्रक्रिया को लगभग 7-8 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रख रही है, जो आजादी के बाद से अब तक का सबसे कम समय होगा।
कर्मचारियों के लिए होगा लाभकारी
8वें वेतन आयोग के त्वरित कार्यान्वयन से केंद्रीय कर्मचारियों को अत्यधिक लाभ होगा। उनकी लंबे समय से चली आ रही सैलरी बढ़ोतरी की मांग जल्द ही पूरी हो जाएगी। इसके अलावा, बेसिक सैलरी में वृद्धि से महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता और अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे कर्मचारियों की समग्र आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। वेतन आयोग की सिफारिशों के त्वरित कार्यान्वयन से न केवल सेवारत कर्मचारियों को लाभ होगा, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन में भी वृद्धि होगी।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन और उसकी सिफारिशों का त्वरित कार्यान्वयन एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहली बार होगा जब आजादी के बाद से केवल 200 दिनों में वेतन आयोग का गठन और उसकी सिफारिशें लागू की जाएंगी। इससे लगभग 1.2 करोड़ सेवारत और सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा। सरकार की यह पहल सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया, समय सीमा और सिफारिशों में परिवर्तन हो सकता है। सरकारी नीतियों और आधिकारिक घोषणाओं में बदलाव के अनुसार वास्तविक परिणाम अलग हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया वित्त मंत्रालय या कार्मिक मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट देखें। किसी भी वित्तीय या करियर संबंधी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।