RBI Guidelines: क्या आपने अपने बैंक खाते में लंबे समय से कोई लेनदेन नहीं किया है? अगर हां, तो सावधान हो जाइए! भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों के अनुसार, आपका खाता निष्क्रिय यानी इनएक्टिव हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे अपने बैंक खाते को सक्रिय रखें और निष्क्रिय होने पर इसे फिर से चालू कैसे करवाएं। बैंक खाता निष्क्रिय होने से आपकी दैनिक वित्तीय गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं, इसलिए इस जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
बैंक खाता कब होता है निष्क्रिय?
आरबीआई के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर किसी बैंक खाते में लगातार 2 साल (730 दिन) तक कोई लेनदेन नहीं होता है, तो वह खाता स्वचालित रूप से निष्क्रिय हो जाता है। यह नियम सभी प्रकार के बैंक खातों पर लागू होता है, चाहे वह बचत खाता हो, चालू खाता हो या कोई अन्य प्रकार का खाता। यदि आप अपने खाते को सक्रिय रखना चाहते हैं, तो नियमित रूप से उसमें कुछ न कुछ लेनदेन करते रहना आवश्यक है।
निष्क्रिय खाते से जुड़ी समस्याएं
जब आपका बैंक खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो आप उससे जुड़ी कई सुविधाओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे। आप खाते से पैसे निकाल नहीं सकेंगे और न ही जमा कर सकेंगे। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, यूपीआई पेमेंट, नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसी सुविधाएं भी बंद हो जाएंगी। हालांकि, आपके खाते में पहले से जमा राशि पर ब्याज मिलता रहेगा, लेकिन आप उस पैसे का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे जब तक कि आप अपने खाते को फिर से सक्रिय न करवा लें।
इसके अलावा, निष्क्रिय खाते से आपके नियमित भुगतान जैसे बिजली बिल, मोबाइल रिचार्ज, ईएमआई आदि भी प्रभावित हो सकते हैं। इससे आपको अतिरिक्त देरी शुल्क या जुर्माना भरना पड़ सकता है, जो आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
निष्क्रिय खाते को कैसे करें सक्रिय?
अगर आपका बैंक खाता निष्क्रिय हो गया है, तो घबराने की कोई बात नहीं है। इसे फिर से सक्रिय करवाना बहुत आसान है। सबसे पहले, आपको अपनी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट साइज की फोटो लेकर जाना होगा।
केवाईसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपको अपने खाते में एक छोटा सा लेनदेन करना होगा। यह लेनदेन कुछ भी हो सकता है – पैसे जमा करना, निकालना या किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर करना। इस लेनदेन के बाद आपका खाता फिर से सक्रिय हो जाएगा और आप सभी बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग कर पाएंगे।
अगर आपका खाता संयुक्त (जॉइंट) है, तो दोनों खाताधारकों को केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह सुनिश्चित करें कि दोनों खाताधारक अपने सभी आवश्यक दस्तावेज साथ लेकर जाएं।
क्या लगेगा कोई शुल्क?
आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, निष्क्रिय खाते को सक्रिय करवाने के लिए बैंक कोई शुल्क नहीं ले सकता। यानी आप बिना किसी अतिरिक्त खर्च के अपना खाता फिर से चालू करवा सकते हैं। यह एक बड़ी राहत है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने खाते का उपयोग नियमित रूप से नहीं करते हैं।
इसके अलावा, अगर आपके खाते में कोई बैलेंस नहीं है और वह निष्क्रिय हो गया है, तब भी बैंक आप पर कोई जुर्माना नहीं लगाएगा। आप बिना किसी चिंता के अपना खाता फिर से सक्रिय करवा सकते हैं।
खाते को सक्रिय रखने के लिए उपाय
अपने बैंक खाते को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए आप कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं। सबसे पहले, हर 6 महीने में कम से कम एक बार अपने खाते में कोई न कोई लेनदेन जरूर करें। यह लेनदेन बहुत छोटा भी हो सकता है, जैसे 10-20 रुपये जमा करना या निकालना।
आप अपने खाते को यूपीआई से जोड़ सकते हैं और नियमित रूप से छोटे-छोटे भुगतान कर सकते हैं। इससे आपका खाता सक्रिय रहेगा और आपको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा, आप अपने नियमित बिलों का भुगतान ऑटो-पेमेंट के जरिए कर सकते हैं। इससे न केवल आपका खाता सक्रिय रहेगा, बल्कि आप बिल भुगतान की तारीख याद रखने की चिंता से भी मुक्त रहेंगे।
एक और उपाय यह है कि आप अपने बैंक खाते की नियमित जांच करते रहें। आप मोबाइल बैंकिंग एप या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से अपने खाते की स्थिति देख सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपका खाता निष्क्रिय होने की ओर बढ़ रहा है, तो तुरंत कोई छोटा लेनदेन कर दें।
विशेष मामलों में क्या करें?
कई बार ऐसा होता है कि लोग अपने पुराने खातों के बारे में भूल जाते हैं या फिर किसी कारणवश उनका उपयोग नहीं कर पाते हैं। अगर आपके पास भी ऐसा कोई खाता है जिसका आप उपयोग नहीं करना चाहते, तो उसे बंद करवा देना सबसे अच्छा विकल्प है। इससे आपको भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।
अगर आप विदेश में रहते हैं या लंबे समय तक बैंक नहीं जा सकते, तो अपने किसी विश्वसनीय रिश्तेदार या दोस्त को पावर ऑफ अटॉर्नी दे सकते हैं। वह व्यक्ति आपकी ओर से खाते का रखरखाव कर सकेगा और आवश्यक लेनदेन कर सकेगा।
बैंक खाता हमारी दैनिक वित्तीय गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे सक्रिय रखना हमारी जिम्मेदारी है। आरबीआई के नियमों के अनुसार, 2 साल तक कोई लेनदेन न होने पर खाता निष्क्रिय हो जाता है। निष्क्रिय खाते से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और मोबाइल बैंकिंग का बंद होना।
इसलिए, अपने खाते को सक्रिय रखने के लिए नियमित रूप से कोई न कोई लेनदेन करते रहें। अगर आपका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो घबराएं नहीं। अपनी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें और एक छोटा लेनदेन करें। इससे आपका खाता फिर से सक्रिय हो जाएगा।
याद रखें, वित्तीय सुरक्षा और सुविधा के लिए अपने बैंक खाते का नियमित रूप से उपयोग करना बहुत जरूरी है। इसलिए, समय-समय पर अपने खाते की स्थिति की जांच करते रहें और उसे सक्रिय रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से है। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने बैंक से संपर्क करें या किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। बैंकों के नियम और शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से संपर्क करें।