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बैंकों में आपका पैसा कितना सेफ, बैंक ग्राहक जान लें RBI के नए नियम RBI Bank Rules

RBI Bank Rules: बैंकों में जमा पैसे की सुरक्षा पर सवाल उठाना शायद कई लोगों को अजीब लग सकता है, लेकिन यह प्रश्न अक्सर लोगों के मन में आता है। हम अपनी मेहनत की कमाई, बचत और भविष्य के लिए संचित धन को बैंक खातों में जमा करते हैं, इसलिए यह जानना आवश्यक है कि क्या हमारा पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। विशेष रूप से जब कभी-कभी कुछ बैंकों के डूबने या उन पर प्रतिबंध लगने की खबरें आती हैं, तो यह चिंता और बढ़ जाती है।

बैंक क्यों हो सकते हैं अस्थिर

पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि कुछ बैंक, विशेष रूप से सहकारी बैंक, वित्तीय संकट में फंस गए और उनके ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का मामला इसका एक उदाहरण है, जहां बैंक के डूबने से ग्राहकों के पैसे भी डूब गए। बैंक विभिन्न कारणों से संकट में आ सकते हैं, जैसे खराब प्रबंधन, गलत निवेश निर्णय, धोखाधड़ी, या नियमों का उल्लंघन। ऐसी स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को हस्तक्षेप करना पड़ता है और कभी-कभी बैंक पर प्रतिबंध भी लगाना पड़ता है।

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डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन क्या है

भारत में बैंक खाताधारकों के हितों की रक्षा के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की स्थापना की गई है। यह आरबीआई की एक सहायक संस्था है जो बैंक खातों में जमा राशि के लिए बीमा कवर प्रदान करती है। DICGC एक्ट 1961 की धारा 16 (1) के तहत, यदि कोई बैंक डूबता है या बंद हो जाता है, तो जमाकर्ताओं को एक निश्चित सीमा तक उनकी जमा राशि वापस मिलने की गारंटी होती है।

आरबीआई के नियम

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आरबीआई के नियमों के अनुसार, यदि कोई बैंक डूबता है या उस पर प्रतिबंध लगता है, तो प्रत्येक जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि वापस मिलने की गारंटी है। यह सीमा फरवरी 2020 में 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई थी। इसका अर्थ है कि यदि आपके बैंक खाते में 5 लाख रुपये या उससे कम राशि जमा है, तो बैंक डूबने की स्थिति में आपको पूरी राशि वापस मिल जाएगी। लेकिन यदि जमा राशि 5 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको केवल 5 लाख रुपये ही वापस मिलेंगे, बाकी राशि जोखिम में हो सकती है।

एक ही बैंक में कई खातों का नियम

कई लोग सोचते हैं कि अगर वे एक ही बैंक में अलग-अलग खाते रखते हैं, तो प्रत्येक खाते के लिए अलग से 5 लाख रुपये की गारंटी मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं है। आरबीआई के नियमों के अनुसार, एक ही बैंक में एक ही व्यक्ति के सभी खातों (बचत खाता, चालू खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि) को मिलाकर कुल जमा राशि पर विचार किया जाता है। अगर आपके पास एक ही बैंक की अलग-अलग शाखाओं में भी अलग-अलग खाते हैं, तब भी कुल गारंटी राशि 5 लाख रुपये ही रहेगी।

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फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य जमाओं पर नियम

बचत खाते के अलावा, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), आवर्ती जमा (RD) और अन्य प्रकार की जमाओं पर भी यही नियम लागू होता है। आरबीआई के नियमों के अनुसार, एक ही बैंक में एक व्यक्ति के सभी प्रकार के खातों में जमा कुल राशि पर 5 लाख रुपये तक की ही गारंटी होती है। इसका अर्थ है कि यदि आपके पास बचत खाते में 3 लाख रुपये और फिक्स्ड डिपॉजिट में 4 लाख रुपये हैं, तो बैंक डूबने की स्थिति में आपको केवल 5 लाख रुपये ही वापस मिलेंगे, न कि पूरे 7 लाख रुपये।

अलग-अलग बैंकों में खाते रखने का महत्व

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अपने पैसों की सुरक्षा के लिए एक अच्छी रणनीति यह है कि अपनी बचत को एक से अधिक बैंकों में विभाजित करें। इससे जोखिम कम हो जाता है, क्योंकि अगर एक बैंक संकट में आता है, तो आपका सारा पैसा खतरे में नहीं होगा। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 10 लाख रुपये हैं, तो आप दो अलग-अलग बैंकों में 5-5 लाख रुपये रख सकते हैं। ऐसा करने से, यदि कोई एक बैंक डूबता है, तो भी आपको उस बैंक से पूरे 5 लाख रुपये वापस मिल जाएंगे और दूसरे बैंक में आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।

चोरी या डकैती के मामले में बैंक की जिम्मेदारी

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि DICGC की गारंटी केवल बैंक के दिवालिया होने या बंद होने की स्थिति में लागू होती है। अगर बैंक में चोरी या डकैती हो जाती है, तो उस स्थिति में अलग नियम लागू होते हैं। आमतौर पर, बैंक अपने यहां जमा पैसों की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी लेते हैं, लेकिन फिर भी कुछ मामलों में ग्राहकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि आपका बैंक ऐसी स्थितियों में क्या गारंटी देता है।

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सरकारी बैंकों में पैसे कितने सुरक्षित हैं

आमतौर पर, सरकारी बैंकों में पैसा अधिक सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इन बैंकों को सरकार का समर्थन प्राप्त होता है। यदि कोई सरकारी बैंक वित्तीय संकट में आता है, तो सरकार उसकी सहायता करती है। हालांकि, यह गारंटी नहीं है कि सरकारी बैंकों में जमा सभी पैसे हमेशा सुरक्षित रहेंगे। DICGC के नियम सरकारी और निजी दोनों प्रकार के बैंकों पर समान रूप से लागू होते हैं।

अपने पैसों की सुरक्षा के लिए सावधानियां

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अपने बैंक खातों और पैसों की सुरक्षा के लिए कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है। सबसे पहले, अपने पैसों को एक से अधिक बैंकों में विभाजित करें, विशेष रूप से अगर आपके पास 5 लाख रुपये से अधिक की बचत है। दूसरा, अपने बैंक की वित्तीय स्थिति पर नज़र रखें और यदि कोई चिंताजनक समाचार हो, तो समय रहते अपना पैसा दूसरे सुरक्षित बैंक में स्थानांतरित करें। तीसरा, अपने बैंक खातों से संबंधित सभी जानकारी गोपनीय रखें और ऑनलाइन बैंकिंग करते समय सुरक्षा के सभी उपायों का पालन करें।

बैंकों में पैसे जमा करना अभी भी सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक है। भारत में बैंकिंग प्रणाली काफी मजबूत है और आरबीआई द्वारा कड़ी निगरानी की जाती है। बैंक के डूबने की घटनाएं बहुत दुर्लभ हैं, विशेष रूप से बड़े और प्रतिष्ठित बैंकों के लिए। फिर भी, सावधानी बरतना हमेशा अच्छा है। अपने पैसों को विभिन्न बैंकों में रखकर और DICGC की 5 लाख रुपये की गारंटी सीमा को ध्यान में रखकर, आप अपनी बचत की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

Disclaimer

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यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसमें दी गई जानकारी आरबीआई के मौजूदा नियमों के आधार पर है। नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है, इसलिए निर्णय लेने से पहले आधिकारिक स्रोतों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग वित्तीय निर्णय लेने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। कृपया अपने वित्तीय सलाहकार या बैंक से परामर्श करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए निर्णयों के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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