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पीएम विश्वकर्मा योजना के रजिस्ट्रेशन शुरू PM Vishwakarma Yojana Registration

PM Vishwakarma Yojana Registration: पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जो पिछले दो वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर संचालित हो रही है। यह योजना विश्वकर्मा समुदाय के लोगों, जो विभिन्न प्रकार के पारंपरिक और छोटे व्यवसायों में कार्यरत हैं, के लिए विशेष रूप से बनाई गई है। इस योजना के माध्यम से सरकार इन कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी कला को संरक्षित करने का प्रयास कर रही है। अब तक करोड़ों की संख्या में विश्वकर्मा समुदाय के लोग इस योजना से जुड़ चुके हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों और छोटे व्यवसायियों को उनके कार्य क्षेत्र में प्रोत्साहित करना और उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ना है। सरकार का मानना है कि ये पारंपरिक कलाएं और व्यवसाय न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा हैं, बल्कि इनमें रोजगार सृजन की भी अपार संभावनाएं हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार इन कारीगरों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करके उनके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद कर रही है।

पात्रता मापदंड

पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने के लिए कुछ निश्चित पात्रता मापदंड निर्धारित किए गए हैं। सबसे पहले, आवेदक को विश्वकर्मा समुदाय का सदस्य होना चाहिए और किसी सूक्ष्म व्यवसाय से जुड़ा होना चाहिए। इसके अलावा, आवेदक की आयु 18 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। जो लोग अपने पारंपरिक कार्यों से दूर हो गए हैं, वे भी इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं, जिससे उन्हें पुनः अपने पारंपरिक कार्यों से जुड़ने का अवसर मिल सके।

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यह भी जरूरी है कि आवेदक की आय बहुत अधिक न हो और उसके नाम पर कोई बड़ी संपत्ति न हो। योजना में राशन कार्ड धारकों को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होता है कि योजना का लाभ वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।

आवश्यक दस्तावेज

पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इनमें राशन कार्ड, आधार कार्ड, परिवार समग्र आईडी, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक और पैन कार्ड शामिल हैं। अगर आवेदक के पास व्यवसाय प्रमाण पत्र है, तो वह भी प्रस्तुत किया जा सकता है। इन सभी दस्तावेजों को ऑनलाइन आवेदन के समय अपलोड करना होता है।

प्रशिक्षण का महत्व

पीएम विश्वकर्मा योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू प्रशिक्षण है। योजना के अंतर्गत जिन आवेदकों के आवेदन स्वीकृत किए जाते हैं, उन्हें 10 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य होता है। यह प्रशिक्षण जिला स्तर पर आयोजित किए जाते हैं, जहां कारीगरों को उनके कार्य से संबंधित नई तकनीकों और कौशल से अवगत कराया जाता है।

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इस प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को प्रतिदिन ₹500 का वेतन भी दिया जाता है, जिससे उन्हें प्रशिक्षण के दौरान आर्थिक समर्थन मिलता है और वे बिना किसी वित्तीय चिंता के प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं।

योजना के लाभ

पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कई प्रकार के लाभ प्रदान किए जाते हैं। सबसे पहले, इससे लोगों को अपने पारंपरिक कार्यों को पुनर्जीवित करने और उन्हें आधुनिक बाजार के अनुरूप विकसित करने का अवसर मिलता है। दूसरा, योजना के माध्यम से कारीगरों को उनकी स्किल के आधार पर रोजगार के नए अवसर मिलते हैं।

इसके अलावा, योजना में महिला उम्मीदवारों को भी विशेष महत्व दिया जाता है, जिससे वे भी आत्मनिर्भर बन सकें। कारीगरों को उनके व्यवसाय के अनुसार टूलकिट भी प्रदान की जाती है, जो उनके काम की गुणवत्ता और उत्पादकता में वृद्धि करती है। साथ ही, योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है, जिससे कारीगर अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं।

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आवेदन प्रक्रिया

पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करना बहुत आसान है। इसके लिए आवेदक को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां से वह अपने राज्य और जिले का चयन करके आवेदन फॉर्म तक पहुंच सकता है। फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी भरने और सभी दस्तावेज अपलोड करने के बाद, आवेदक को कैप्चा वेरीफाई करके फॉर्म सबमिट करना होगा।

ध्यान रखें कि इस योजना में आवेदन करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, इसलिए अगर कोई आपसे इसके लिए पैसे मांगता है, तो वह धोखाधड़ी हो सकती है।

सर्टिफिकेट का महत्व

प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, प्रतिभागियों को पीएम विश्वकर्मा योजना का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। यह सर्टिफिकेट बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से ही कारीगर योजना के अन्य लाभों को प्राप्त कर सकते हैं। यह सर्टिफिकेट न केवल उनके कौशल का प्रमाण है, बल्कि इससे उन्हें बाजार में भी मान्यता मिलती है।

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पीएम विश्वकर्मा योजना भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह न केवल उनके कौशल और कला को संरक्षित कर रही है, बल्कि उन्हें आधुनिक बाजार से जोड़कर उनके जीवन स्तर में सुधार भी ला रही है। अगर आप भी विश्वकर्मा समुदाय से हैं और किसी छोटे व्यवसाय में कार्यरत हैं, तो इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं और अपने परंपरागत कौशल को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। पीएम विश्वकर्मा योजना के नियम और शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या संबंधित सरकारी कार्यालय से संपर्क करें।

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