PM Awas Yojana Gramin Apply Online: प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को पक्के मकान प्रदान करना है। वर्ष 2025 में भी यह योजना पूरे जोश के साथ चल रही है और अब तक करोड़ों परिवारों को इसका लाभ मिल चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की घोषणा के अनुसार वर्ष 2025 में इस योजना को और आकर्षक तरीके से लागू किया जा रहा है।
नया सर्वेक्षण अभियान और महत्वपूर्ण तिथियां
इस वर्ष पीएम आवास योजना से वंचित रह गए पात्र परिवारों के लिए एक नया सर्वेक्षण अभियान चलाया जा रहा है। सरकार ने इस सर्वेक्षण की शुरुआत 10 फरवरी 2025 को की थी और इसकी अंतिम तिथि पहले 30 मार्च 2025 थी। लेकिन पात्र लोगों का सर्वेक्षण पूरा न होने के कारण इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल 2025 तक कर दिया गया है। यह जानना बहुत जरूरी है कि जो व्यक्ति इस सर्वेक्षण में शामिल होंगे, केवल उन्हीं का नाम आवास योजना में पंजीकृत होगा और वे आगे चलकर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए पीएम आवास योजना में आवेदन की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। अब आवेदक घर बैठे अपने मोबाइल फोन से ही “पीएम आवास प्लस” एप्लीकेशन के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह एप्लीकेशन विशेष रूप से ग्रामीण लोगों के लिए बनाया गया है ताकि वे आसानी से अपना सर्वेक्षण पूरा कर सकें और योजना के लाभार्थी बन सकें। पिछले दो महीनों से यह सर्वेक्षण सक्रिय है और अब भी जारी है।
पीएम आवास योजना के लिए पात्रता मापदंड
पीएम आवास योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मापदंड निर्धारित किए गए हैं। सबसे पहली शर्त यह है कि आवेदक को पहले कभी पीएम आवास योजना का लाभ न मिला हो। इसके अलावा, आवेदक के नाम पर कोई आधिकारिक संपत्ति नहीं होनी चाहिए और वह कच्चे मकान में रहता हो। आवेदक के पास राशन कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज होना भी अनिवार्य है। इन सभी शर्तों को पूरा करने वाले व्यक्ति ही इस योजना के लिए पात्र होंगे।
लाभार्थी सूची और लाभ प्राप्ति
जिन लोगों ने पीएम आवास योजना में ऑनलाइन आवेदन किया है, उनके आवेदन की जांच के बाद उनका नाम लाभार्थी सूची में शामिल किया जाएगा। यह सूची ग्राम पंचायत के स्तर पर ऑनलाइन जारी की जाती है। आवेदकों को अपना नाम इस सूची में देखना चाहिए। सूची में नाम आने के बाद, एक या दो महीने के भीतर उन्हें आवास योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा और उनके बैंक खाते में पहली किस्त भेजी जाएगी।
पीएम आवास योजना ग्रामीण की विशेषताएं
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पीएम आवास योजना कई विशेषताओं से भरपूर है। इस योजना के तहत दो कमरों का पक्का मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की जाती है। यह पूरी राशि सीधे लाभार्थी के व्यक्तिगत बैंक खाते में चार किस्तों में भेजी जाती है। इसके अलावा, मजदूरी के रूप में 30 हजार रुपये अलग से दिए जाते हैं। इस प्रकार, लाभार्थी को कुल 1 लाख 50 हजार रुपये तक की सहायता मिलती है।
किस्तों का वितरण और मकान निर्माण प्रक्रिया
आवेदन स्वीकृत होने के बाद, पहली किस्त के रूप में लाभार्थी के खाते में 25 हजार रुपये जमा किए जाते हैं। इस राशि से लाभार्थी को अपने मकान की नींव का काम पूरा करना होता है। जब नींव का काम पूरा हो जाता है, तो सरपंच और सचिव द्वारा इसकी तस्वीर सरकारी कार्यालय में भेजी जाती है। इसके बाद दूसरी किस्त के रूप में 40 हजार रुपये लाभार्थी के खाते में भेजे जाते हैं। इसी प्रकार, मकान निर्माण के अलग-अलग चरणों को पूरा करने पर बाकी किस्तें भी मिलती हैं।
आवेदन प्रक्रिया
पीएम आवास योजना ग्रामीण में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा। वहां पंजीकरण करके आईडी और पासवर्ड प्राप्त करना होगा। फिर इस आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करके आवेदन फॉर्म भरना होगा। फॉर्म में सभी जानकारी भरने के बाद जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी। अंत में फॉर्म जमा करके उसका प्रिंटआउट निकाल लेना चाहिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से वे अपना पक्का मकान बना सकते हैं और बेहतर जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं और पात्रता मापदंड पूरे करते हैं, तो 30 अप्रैल 2025 से पहले अपना सर्वेक्षण करवा लें और ऑनलाइन आवेदन कर दें। आपके सपनों का घर बनाने में सरकार आपकी मदद करेगी।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि इसमें दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है, फिर भी सरकारी योजनाओं में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। इसलिए, ताजा जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या पोर्टल देखें या अपने स्थानीय ग्राम पंचायत कार्यालय से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी गलत जानकारी या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।