Old Pension Scheme: वृद्धावस्था में आर्थिक संकट से जूझ रहे बुजुर्गों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की वृद्धावस्था पेंशन योजना एक वरदान के समान है। यह योजना उन बुजुर्गों को मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके पास अपना निर्वाह करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। समाज के इस महत्वपूर्ण वर्ग के सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है।
पेंशन योजना में बड़ा बदलाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025-26 के नए वित्तीय वर्ष में वृद्धावस्था पेंशन योजना में एक महत्वपूर्ण सुधार की घोषणा की है। इस कदम के तहत, राज्य में लगभग 61 लाख लाभार्थियों का वेरिफिकेशन कराया जाएगा। यह कदम पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि पेंशन का लाभ केवल वास्तविक और पात्र लाभार्थियों तक ही पहुंचे।
अयोग्य लाभार्थियों की छंटनी
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है या जो पेंशन के लिए पात्र नहीं हैं, उनके नाम लाभार्थी सूची से हटा दिए जाएंगे। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए 25 मई 2025 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। इस अवधि के बाद, पात्र लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार की जाएगी। इसके साथ ही, प्रत्येक गांव के 25 सबसे गरीब परिवारों को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा, ताकि वास्तव में जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके।
वेरिफिकेशन प्रक्रिया की जिम्मेदारी
वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरी ईमानदारी और गंभीरता से संचालित करने के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में यह जिम्मेदारी BDO (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) को और शहरी क्षेत्रों में SDM (उप जिलाधिकारी) को सौंपी गई है। समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण के अनुसार, राज्य सरकार बुजुर्गों के सम्मान, सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। आय के मामले में, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्गों की वार्षिक आय 46,080 रुपये से कम होनी चाहिए, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह सीमा 56,460 रुपये निर्धारित की गई है। इन मानदंडों को पूरा करने वाले बुजुर्गों को हर महीने 1,000 रुपये की पेंशन राशि प्रदान की जाती है।
क्रॉस वेरिफिकेशन
वेरिफिकेशन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए, सरकार ने प्रत्येक जिले में मंडलीय उप निदेशकों और जिला समाज कल्याण अधिकारियों को 10% डाटा का क्रॉस वेरिफिकेशन करने का दायित्व सौंपा है। यह कदम पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इसके अतिरिक्त, जीरो पावर्टी अभियान के तहत पात्र बुजुर्गों को पेंशन योजना से जोड़ने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है।
पहली किश्त
सफलतापूर्वक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करने वाले पात्र लाभार्थियों को जून 2025 में पहली पेंशन किश्त प्राप्त होगी। सरकार ने इस पूरी व्यवस्था को एक एकीकृत पोर्टल के माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया है। इस पोर्टल के जरिए, पेंशन राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
डुप्लिकेट लाभार्थियों पर रोक
किसी भी व्यक्ति द्वारा दोहरा लाभ उठाने की संभावना को रोकने के लिए, सरकार ने लाभार्थियों के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खातों को आपस में जोड़ने का निर्णय लिया है। यह कदम धोखाधड़ी की संभावनाओं को कम करने और योजना के संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
सामाजिक सुरक्षा का विस्तार
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रत्येक गांव के 25 सबसे गरीब परिवारों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। यह कदम सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग को आवश्यक सहायता मिल सके। इससे गांवों में रहने वाले बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन योजना में किए गए ये सुधार एक सराहनीय कदम है। इससे न केवल योजना की प्रभावशीलता बढ़ेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि इसका लाभ वास्तविक जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे। बुजुर्गों के सम्मान, सुरक्षा और आर्थिक स्वावलंबन को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जो समाज के इस महत्वपूर्ण वर्ग के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। पेंशन योजना से संबंधित अद्यतन जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी सरकारी कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय या जिला समाज कल्याण विभाग से संपर्क कर सकते हैं। योजना के नियम और शर्तों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है। कृपया आवेदन करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेजों और पात्रता मानदंडों की पुष्टि कर लें।