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लोन की EMI भरने के नहीं है पैसे तो कर लें ये 4 काम, सिबिल स्कोर नहीं होगा खराब Loan EMI Rules

Loan EMI Rules: आज के समय में अधिकांश लोग अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी न किसी प्रकार का लोन लेते हैं। चाहे वह घर खरीदने के लिए होम लोन हो, गाड़ी खरीदने के लिए कार लोन हो या फिर अन्य व्यक्तिगत जरूरतों के लिए पर्सनल लोन हो। लोन लेना आज की आवश्यकता बन गई है, लेकिन इसके साथ ही आती है ईएमआई (इक्विटेड मंथली इंस्टॉलमेंट) समय पर चुकाने की जिम्मेदारी। कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि लोनधारक ईएमआई समय पर नहीं चुका पाते हैं, जिससे उनका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है।

अधिकांश लोग जानते हैं कि लोन की ईएमआई न चुका पाने से सिबिल स्कोर खराब हो जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ऐसी स्थिति में सिबिल स्कोर को खराब होने से कैसे बचाया जा सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे ऐसे 4 महत्वपूर्ण उपाय जिन्हें अपनाकर आप अपने सिबिल स्कोर को बचा सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बना सकते हैं।

सिबिल स्कोर क्यों है महत्वपूर्ण?

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सिबिल स्कोर आपके वित्तीय स्वास्थ्य का प्रतिबिंब है। यह एक ऐसा स्कोर है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर तैयार किया जाता है और यह दर्शाता है कि आप कितने विश्वसनीय उधारकर्ता हैं। अच्छा सिबिल स्कोर (750 से ऊपर) होने पर बैंक और वित्तीय संस्थान आपको आसानी से लोन देते हैं और कम ब्याज दर पर भी लोन मिल सकता है। इसके विपरीत, खराब सिबिल स्कोर होने पर न केवल लोन मिलना मुश्किल हो जाता है, बल्कि मिलता भी है तो अधिक ब्याज दर पर।

जब आप लोन की ईएमआई समय पर नहीं चुकाते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है। ईएमआई बाउंस होने का मतलब है सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर। लेकिन चिंता न करें, हम आपको बताएंगे कि ईएमआई बाउंस होने की स्थिति में आप अपने सिबिल स्कोर को कैसे बचा सकते हैं।

बैंक में जाकर रखें अपनी समस्या

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जब भी आप ईएमआई चुकाने में असमर्थ होते हैं, तो सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण कदम है बैंक जाकर अपनी समस्या के बारे में बात करना। अगर किसी मजबूरी या अप्रत्याशित परिस्थिति के कारण आप ईएमआई नहीं चुका पाए हैं, तो बैंक मैनेजर के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करें। उन्हें बताएं कि यह जानबूझकर नहीं हुआ है और आप आगे से सभी ईएमआई समय पर चुकाने का वादा करते हैं।

ज्यादातर मामलों में, बैंक मैनेजर आपकी समस्या को समझते हैं और समाधान निकालने में मदद कर सकते हैं। वे आपको पेनल्टी से भी बचा सकते हैं और सिबिल स्कोर पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं। याद रखें, समस्या का समाधान खुली बातचीत से ही निकलता है, इसलिए बैंक के साथ संवाद बनाए रखें।

दो किस्त बाउंस होने से पहले करें यह काम

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किसी भी लोन की लगातार तीसरी किस्त बाउंस होना आपके लिए विशेष रूप से हानिकारक है। जब तीसरी ईएमआई बाउंस होती है, तो बैंक आपकी नेगेटिव रिपोर्ट सिबिल को भेज देता है, जिससे आपका सिबिल स्कोर काफी गिर जाता है। इसलिए, अगर आपकी दो ईएमआई पहले ही बाउंस हो चुकी हैं, तो तीसरी ईएमआई बाउंस होने से पहले ही बैंक जाकर बात करें।

बैंक मैनेजर से अनुरोध करें कि वे आपकी नेगेटिव रिपोर्ट सिबिल को न भेजें। साथ ही, पिछली बकाया किस्तों को चुकाने का प्लान भी बताएं और तीसरी किस्त समय पर चुकाने का प्रयास करें। इससे आपके सिबिल स्कोर को बड़ा नुकसान होने से बचाया जा सकता है। याद रखें, समय रहते कार्रवाई करना हमेशा फायदेमंद होता है।

ईएमआई होल्ड के लिए करें आवेदन

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कई बार ऐसा होता है कि आप जानते हैं कि आने वाली ईएमआई की तारीख तक आपके पास पर्याप्त धनराशि नहीं होगी, लेकिन कुछ दिनों या हफ्तों बाद आपके पास पैसे आ जाएंगे। ऐसी स्थिति में, आप ईएमआई होल्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बैंक मैनेजर से बात करनी होगी और अपनी स्थिति के बारे में उन्हें अवगत कराना होगा।

ईएमआई होल्ड का मतलब है कि आपकी ईएमआई को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है और आपको उस अवधि के दौरान ईएमआई का भुगतान नहीं करना पड़ता। हालांकि, याद रखें कि इस दौरान ब्याज जमा होता रहता है और बाद में आपको उस ब्याज का भुगतान करना होगा। लेकिन यह विकल्प आपके सिबिल स्कोर को नुकसान पहुंचाने से बचा सकता है।

एरियर ईएमआई

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अगर आपकी सैलरी हर महीने एक निश्चित तारीख को आती है, और वह तारीख आपकी ईएमआई की निर्धारित तारीख के बाद आती है, तो आप एरियर ईएमआई का विकल्प चुन सकते हैं। एरियर ईएमआई का मतलब है कि आप अपनी ईएमआई का भुगतान महीने के अंत में या अपनी सैलरी आने के बाद कर सकते हैं।

इस विकल्प के लिए आपको अपने बैंक में आवेदन करना होगा। बैंक आपकी सैलरी की तारीख के अनुसार ईएमआई की तारीख तय कर सकता है, जिससे आपको हर महीने ईएमआई चुकाने में परेशानी नहीं होगी। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनकी सैलरी अनियमित तिथियों पर आती है या देर से आती है।

वित्तीय अनुशासन का महत्व

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ईएमआई को समय पर चुकाना न केवल आपके सिबिल स्कोर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आपके वित्तीय अनुशासन का भी प्रतीक है। यदि आप अपनी आय के अनुसार खर्च करते हैं और अपनी ईएमआई के लिए पहले से बजट बनाते हैं, तो आपको ईएमआई चुकाने में परेशानी नहीं होगी।

अपने बजट में ईएमआई के लिए पहले से ही धनराशि निकाल कर रखें और अनावश्यक खर्चों से बचें। इसके अलावा, अपने पास हमेशा कुछ आपातकालीन बचत रखें जिससे अप्रत्याशित परिस्थितियों में भी आप अपनी ईएमआई चुका सकें। वित्तीय अनुशासन से न केवल आपका सिबिल स्कोर अच्छा रहेगा, बल्कि आपकी वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी।

लोन लेना और उसकी ईएमआई चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी है। कभी-कभी हालात ऐसे बन जाते हैं कि ईएमआई का भुगतान समय पर नहीं हो पाता, लेकिन ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप अपने सिबिल स्कोर को खराब होने से बचा सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं।

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याद रखें, समस्या के समाधान के लिए पहला कदम है बैंक के साथ खुली बातचीत करना। बैंक आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है, बशर्ते आप उन्हें अपनी समस्या के बारे में समय रहते बता दें। अंत में, वित्तीय अनुशासन का पालन करें और अपने खर्चों को अपनी आय के अनुसार नियंत्रित रखें।

Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की वित्तीय स्थिति अलग होती है, इसलिए सभी मामलों में ये उपाय समान रूप से प्रभावी नहीं हो सकते हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले, कृपया अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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