DA merger: निरंतर बढ़ती महंगाई के बीच केंद्रीय कर्मचारियों की नज़रें अब 8वें वेतन आयोग पर टिकी हुई हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते (डीए) में 2 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे अब कुल डीए बेसिक सैलरी का 55 प्रतिशत हो गया है। इस स्थिति में कर्मचारियों को उम्मीद है कि आने वाले 8वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय किया जा सकता है, जिससे उनकी आय में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
सरकार का स्पष्ट रुख
हालांकि, कर्मचारियों की इस आशा पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में स्पष्ट किया है कि वर्तमान में सरकार की महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय करने की कोई योजना नहीं है। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी द्वारा यह मांग उठाई गई थी, लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट है कि डीए को बेसिक सैलरी से अलग ही रखा जाएगा। यह जानकारी कर्मचारियों के लिए निराशाजनक हो सकती है, जो इस विलय से अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद कर रहे थे।
ऐतिहासिक संदर्भ
इतिहास पर नज़र डालें तो 5वें वेतन आयोग के समय महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय किया गया था। उस समय डीए 50 प्रतिशत से अधिक हो गया था, जिसके कारण इसे बेसिक सैलरी में मिला दिया गया। लेकिन 6वें और 7वें वेतन आयोग में इस प्रकार का कोई विलय नहीं किया गया। वर्तमान में जब डीए 55 प्रतिशत तक पहुंच गया है, तब कर्मचारियों को उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग में 50 प्रतिशत या संपूर्ण डीए को मूल वेतन में विलय किया जा सकता है।
संभावित परिवर्तन
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि 8वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय किया जाता है, तो डीए की गणना का आधार भी बदल सकता है। वर्तमान में, डीए की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आंकड़ों के आधार पर की जाती है। सरकार हर छह महीने में महंगाई से निपटने के लिए कर्मचारियों के डीए में संशोधन करती है। पेंशनरों के लिए महंगाई राहत (डीआर) में संशोधन भी इसी आधार पर किया जाता है।
फिटमेंट फैक्टर
8वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते और वेतन-पेंशन संशोधन की गणना का तरीका अभी तय नहीं हुआ है। यह जानकारी नए वेतन आयोग के गठन के बाद उसकी सिफारिशों में ही सामने आएगी, जिस पर अंतिम निर्णय सरकार लेगी। फिलहाल अनुमान है कि 7वें वेतन आयोग की तरह ही फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन व पेंशन में वृद्धि की जाएगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.90 से लेकर 2.86 तक हो सकता है, जो कर्मचारियों के लिए वेतन में पर्याप्त वृद्धि का संकेत है।
बदलेगा महंगाई का बेस ईयर
7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था, और उस समय अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) की गणना के लिए 2016 को बेस ईयर माना गया था। तब से अब तक महंगाई में काफी वृद्धि हुई है, इसलिए 8वें वेतन आयोग में बेस ईयर को अपडेट किया जा सकता है। हालांकि, बेस ईयर या डीए को बेसिक सैलरी में विलय करने का निर्णय पूरी तरह सरकार पर निर्भर करेगा।
8वें वेतन आयोग की घोषणा और कर्मचारियों की प्रतीक्षा
जनवरी में सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर चुकी है, जिससे कर्मचारियों में उत्साह है। वे नए वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिससे उन्हें वेतन में अच्छी वृद्धि मिलने की उम्मीद है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वेतन संशोधन किस प्रकार होगा और क्या डीए को मूल वेतन में विलय किया जाएगा या नहीं। इस संबंध में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
अन्य संभावनाएं
8वें वेतन आयोग द्वारा वेतन संशोधन के लिए अगर कोई अन्य तरीका अपनाया जाता है, तो यह भी नए वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई के बढ़ते स्तर को देखते हुए, कर्मचारियों के वेतन में पर्याप्त वृद्धि की जानी चाहिए ताकि वे आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकें। लेकिन साथ ही, सरकार पर वित्तीय बोझ का भी ध्यान रखा जाएगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है और इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की गई है। 8वें वेतन आयोग और डीए विलय के संबंध में अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में सरकारी अधिसूचनाओं और आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करें।