DA Hike Update: छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव आयोग ने कर्मचारियों एवं पेंशनरों के महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि की अनुमति दे दी है, लेकिन मध्य प्रदेश के लगभग 10 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को अभी इंतजार करना होगा। वित्त विभाग ने चुनाव आयोग को फिर से प्रस्ताव भेजा है, परंतु मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय को इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस विलंब से कर्मचारी संगठनों में नाराजगी बढ़ रही है और वे सरकार की उदासीनता पर सवाल उठा रहे हैं। जुलाई 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों को 46% महंगाई भत्ता मिलेगा, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी कर्मचारियों को 42% डीए ही मिल रहा है।
अन्य राज्यों ने दी मंजूरी
छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकारों ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी, जिसे आयोग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इन राज्यों में कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसके विपरीत, मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। यह स्थिति कर्मचारियों में असंतोष पैदा कर रही है। उनका मानना है कि अगर अन्य राज्यों को अनुमति मिल सकती है, तो मध्य प्रदेश को भी मिलनी चाहिए थी।
चुनाव आयोग का रुख
मध्य प्रदेश में चुनाव आयोग ने मतदान के दिन तक महंगाई भत्ते के भुगतान पर अस्थायी रोक लगा दी थी। कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार ने जानबूझकर महंगाई भत्ते के भुगतान में देरी की है और इसके लिए अब तक कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है। सरकार चाहती तो चुनाव आयोग को पुनः पत्र लिखकर स्पष्ट राय मांग सकती थी, जैसा कि अन्य राज्यों ने किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस विलंब से कर्मचारियों को हर महीने काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
वित्त विभाग के प्रयास
हालांकि, अब वित्त विभाग ने एक बार फिर से चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजा है। इससे उम्मीद जागी है कि शायद इस बार कर्मचारियों को राहत मिल सके। लेकिन मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय को इस प्रस्ताव की कोई जानकारी नहीं है, जिससे स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है। कर्मचारियों का मानना है कि यदि सरकार ने समय पर ठोस कदम उठाए होते, तो आज यह स्थिति नहीं होती और उन्हें निर्धारित समय पर बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता मिल जाता।
कर्मचारी संगठनों की नाराजगी
मध्य प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी संगठनों ने इस देरी पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। उनका कहना है कि जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान को अनुमति मिल सकती है, तो मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। महाराष्ट्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने मांग की है कि राज्य सरकार को राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके। यह देरी न केवल कर्मचारियों के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन रही है, बल्कि उनके मनोबल को भी प्रभावित कर रही है।
चुनाव परिणामों के बाद संभावित निर्णय
चुनाव परिणाम 3 नवंबर को घोषित होने हैं, जिसके बाद नई सरकार का गठन होगा। ऐसी स्थिति में महंगाई भत्ते पर अंतिम निर्णय शायद ही चुनाव से पहले हो पाए। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को कम से कम चुनाव परिणामों के बाद तक इंतजार करना होगा। यह देरी कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है, क्योंकि वे पहले से ही काफी समय से इस बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव आयोग की रोक और सरकारी प्रक्रियाओं में देरी ने इस मामले को और जटिल बना दिया है।
4% की बढ़ोतरी का आर्थिक प्रभाव
वर्तमान में मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 42% महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि 4% की बढ़ोतरी पर अभी निर्णय होना बाकी है। इस 4% की वृद्धि के बाद महंगाई भत्ता 42% से बढ़कर 46% हो जाएगा। चूंकि यह बढ़ोतरी जुलाई 2025 से लागू होनी है, इसलिए कर्मचारियों को जनवरी से नवंबर तक का एरियर भी मिलेगा। 46% डीए पर कर्मचारियों को मासिक 600 से 5700 रुपये तक का अतिरिक्त लाभ मिलेगा, जो उनके वेतन और ग्रेड पर निर्भर करेगा। राज्य के 7 लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को इससे लाभ होगा।
सरकारी खजाने पर प्रभाव
इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर लगभग 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसमें एरियर और बढ़े हुए महंगाई भत्ते दोनों शामिल हैं। यह एक बड़ी राशि है, लेकिन कर्मचारियों के लिए यह आवश्यक राहत है, क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है और उनकी क्रय शक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सरकार के लिए भी कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि संतुष्ट कर्मचारी ही बेहतर कार्य कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए अब उम्मीद है कि चुनाव के बाद नई सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता से हल करेगी। कर्मचारी संगठनों ने भी आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को नई सरकार के समक्ष जोरदार तरीके से उठाएंगे। यदि सब कुछ अनुकूल रहा, तो दिसंबर तक कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलना शुरू हो सकता है। हालांकि, इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति और नई सरकार के निर्णय महत्वपूर्ण होंगे।
Disclaimer
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो उनकी आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। मध्य प्रदेश में इस बढ़ोतरी में हो रही देरी कर्मचारियों के मध्य असंतोष का कारण बन रही है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव आयोग द्वारा अनुमति देने के बाद, अब मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को भी उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। हालांकि, चुनाव के कारण होने वाली देरी अपरिहार्य है, लेकिन कर्मचारियों का मानना है कि सरकार पहले ही इस दिशा में ठोस कदम उठा सकती थी। अब सभी की नजरें चुनाव परिणामों और नई सरकार के निर्णयों पर टिकी हैं।