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रेपो रेट में कटौती के बाद इस बैंक ने सस्ता कर दिया लोन Bank News

Bank News: वित्तीय आवश्यकताओं के समय लोन एक बेहतरीन विकल्प होता है। अच्छी खबर यह है कि अभी लोन लेने का सुनहरा अवसर है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में कमी की है। इससे आम आदमी के लिए किसी भी प्रकार का लोन लेना पहले से अधिक किफायती हो गया है। विशेष रूप से, इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए लोन की ब्याज दरों में महत्वपूर्ण कटौती की घोषणा की है।

इंडियन ओवरसीज बैंक का महत्वपूर्ण निर्णय

इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपनी एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमेटी (ALCO) की 11 अप्रैल 2025 को आयोजित बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बैंक ने अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करने का फैसला किया है। इस कटौती के बाद, पहले 9.10 प्रतिशत की दर अब घटकर 8.85 प्रतिशत हो गई है। यह नई ब्याज दरें 12 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुकी हैं। यह कदम आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6.00 प्रतिशत करने के निर्णय के बाद आया है।

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ग्राहकों को मिलने वाले लाभ

इस कटौती का सबसे बड़ा लाभ उन ग्राहकों को मिलेगा जिन्होंने रेपो रेट से जुड़े लोन लिए हैं। इन ग्राहकों की मासिक ईएमआई में अब कमी आएगी, जिससे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेना पहले से अधिक सस्ता हो जाएगा। वर्ष के दौरान रेपो रेट में हुई दूसरी कटौती से ग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, नए लोन लेने वाले ग्राहकों को भी कम ब्याज दरों का फायदा मिलेगा, जिससे उनकी ईएमआई का बोझ कम होगा।

रेपो रेट का प्रभाव

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रेपो रेट का बैंकों की लोन ब्याज दरों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। जब रेपो रेट बढ़ता है, तो लोन की ब्याज दरें भी बढ़ती हैं, और जब रेपो रेट घटता है, तो लोन की ब्याज दरें भी कम होती हैं। इस कटौती का प्रभाव सभी प्रकार के लोन पर पड़ेगा, चाहे वह होम लोन हो, पर्सनल लोन हो या फिर वाहन लोन। आरबीआई ने अपने मौद्रिक नीति के रुख को ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘अकोमोडेटिव’ कर दिया है, जिसका अर्थ है कि भविष्य में भी केंद्रीय बैंक का नरम रुख जारी रहने की संभावना है।

जीडीपी विकास दर का अनुमान

आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी विकास दर के अनुमान को संशोधित किया है। पहले के अनुमान से 20 आधार अंक कम करके, अब इसे 6.5 प्रतिशत पर निर्धारित किया गया है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इन संकेतों से अर्थव्यवस्था की स्थिरता का पता चलता है।

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पर्सनल लोन की सुविधा

इंडियन ओवरसीज बैंक पर्सनल लोन के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन गया है। बैंक ने न्यूनतम वेतन आवश्यकताओं पर 10 लाख रुपये तक का लोन प्रदान करने की सुविधा दी है। इससे मध्यम वर्ग के लोगों को अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। कम ब्याज दरों के साथ, पर्सनल लोन लेना अब और भी आकर्षक विकल्प बन गया है। यह विशेष रूप से आपातकालीन वित्तीय जरूरतों, शिक्षा, स्वास्थ्य या घर के नवीनीकरण जैसी आवश्यकताओं के लिए उपयोगी हो सकता है।

लोन लेने का सही समय

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वर्तमान परिस्थितियों में, लोन लेने का यह एक बेहतरीन समय है। रेपो रेट में कटौती के बाद, बैंकों की ब्याज दरों में कमी आई है, जिससे ईएमआई का बोझ कम होगा। अगर आप किसी भी प्रकार का लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो अभी इसका लाभ उठाने का सुनहरा अवसर है। विशेष रूप से, इंडियन ओवरसीज बैंक की कम ब्याज दरों का फायदा लेकर आप अपनी वित्तीय योजनाओं को साकार कर सकते हैं।

इंडियन ओवरसीज बैंक द्वारा रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट में की गई कटौती आम जनता के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल मौजूदा लोन धारकों को लाभ मिलेगा, बल्कि नए लोन लेने वालों के लिए भी यह आकर्षक अवसर है। आरबीआई के अकोमोडेटिव रुख से संकेत मिलता है कि भविष्य में भी ब्याज दरों में कटौती की संभावना है। इसलिए, अपनी वित्तीय आवश्यकताओं के अनुसार सही समय पर लोन लेने का निर्णय करें और इन कम ब्याज दरों का लाभ उठाएं।

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यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। लोन लेने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और संबंधित बैंक से नवीनतम ब्याज दरों और नियमों की पुष्टि करें। ब्याज दरें और नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए निर्णय लेने से पहले अद्यतित जानकारी प्राप्त करना सुनिश्चित करें। अपनी चुकाने की क्षमता के अनुसार ही लोन लें और अपनी वित्तीय स्थिति का सावधानीपूर्वक आकलन करें।

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