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1, 2 या 3 नही बल्कि EPFO देता है 7 पेंशन, ज्यादातर लोगों को नहीं पता ये बात EPFO Pension

EPFO Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों को विभिन्न परिस्थितियों में पेंशन की सुविधा प्रदान करता है। सामान्यतः EPFO 58 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर अपने सदस्यों को पेंशन देना शुरू करता है। परंतु कई विशेष परिस्थितियों में, जैसे विकलांगता या सदस्य की मृत्यु के मामले में, उनके परिवार के सदस्यों को भी पेंशन का लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं EPFO द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशन के बारे में।

रिटायरमेंट पेंशन

रिटायरमेंट पेंशन EPFO द्वारा दी जाने वाली सबसे सामान्य पेंशन है। यह उन सदस्यों को प्रदान की जाती है जिन्होंने 10 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है या 58 वर्ष की आयु तक पहुँच चुके हैं। यदि कोई सदस्य 60 वर्ष की आयु तक पेंशन लेना आरंभ नहीं करता है, तो उसे अधिक राशि की पेंशन मिल सकती है। यह पेंशन सदस्य के जीवनकाल तक जारी रहती है और उनके निधन के बाद उनके परिवार के पात्र सदस्यों को स्थानांतरित हो जाती है।

अर्ली पेंशन

अर्ली पेंशन उन सदस्यों के लिए है जो 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, कम से कम 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं और अब किसी गैर-EPF कंपनी में कार्यरत हैं। ऐसे सदस्य 50 वर्ष की उम्र में ही पेंशन प्राप्त करना शुरू कर सकते हैं, या फिर पूर्ण पेंशन के लिए 58 वर्ष तक प्रतीक्षा कर सकते हैं। अर्ली पेंशन लेने वाले सदस्यों को हर वर्ष 4% कम पेंशन मिलती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी सदस्य को 58 वर्ष की आयु में 10,000 रुपये पेंशन मिलनी है, तो 57 वर्ष में वह 9,600 रुपये और 56 वर्ष में 9,216 रुपये पेंशन प्राप्त करेगा।

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विकलांग पेंशन

विकलांग पेंशन उन सदस्यों के लिए है जो सेवा के दौरान अस्थायी या स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं। इसके लिए आयु या सेवा अवधि का कोई प्रतिबंध नहीं है। यदि किसी सदस्य ने केवल एक महीने का भी योगदान EPF में दिया है और वह विकलांग हो जाता है, तो वह इस पेंशन का हकदार है। यह प्रावधान सदस्यों को आकस्मिक विकलांगता की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।

विधवा या बाल पेंशन

यदि किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी विधवा और 25 वर्ष से कम आयु के बच्चे पेंशन के हकदार होते हैं। इस मामले में भी सेवा अवधि का कोई प्रतिबंध नहीं है। यदि सदस्य के तीन या अधिक बच्चे हैं, तो पहले दो बच्चों को तत्काल पेंशन मिलती है। तीसरा बच्चा तभी पेंशन का हकदार बनता है जब पहले बच्चे की आयु 25 वर्ष हो जाए। इसी प्रकार, चौथे बच्चे को पेंशन तब मिलेगी जब दूसरे बच्चे की आयु 25 वर्ष पूरी हो जाए। यह सुनिश्चित करता है कि परिवार को निरंतर आर्थिक सहायता मिलती रहे।

अनाथ पेंशन

यदि किसी सदस्य और उसकी पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो उनके 25 वर्ष से कम आयु के बच्चे अनाथ पेंशन के हकदार होते हैं। इस स्थिति में दो बच्चों को पेंशन मिलती है, लेकिन जैसे ही उनकी आयु 25 वर्ष हो जाती है, पेंशन बंद हो जाती है। यह प्रावधान अनाथ बच्चों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है और उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने में मदद करता है।

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नॉमिनी पेंशन

सदस्य की मृत्यु के बाद उसके द्वारा नामित व्यक्ति को नॉमिनी पेंशन मिलती है। इसके लिए यह आवश्यक है कि सदस्य ने EPFO पोर्टल पर ई-नॉमिनेशन फॉर्म भरा हो। यह प्रावधान सदस्यों को अपनी मृत्यु के बाद पेंशन लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति का चयन करने की स्वतंत्रता देता है।

आश्रित माता-पिता पेंशन

यदि किसी अविवाहित EPFO सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आश्रित पिता पेंशन के हकदार होते हैं। पिता की मृत्यु के बाद, सदस्य की मां को पेंशन मिलती है। माता-पिता को उनके जीवन भर यह पेंशन मिलती रहती है। इस लाभ के लिए फॉर्म 10D भरना आवश्यक है। यह प्रावधान वृद्ध माता-पिता को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है जिनका एकमात्र सहारा उनका बच्चा था।

EPFO द्वारा प्रदान की जाने वाली ये विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाएँ सदस्यों और उनके परिवारों को विभिन्न परिस्थितियों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती हैं। प्रत्येक सदस्य को अपनी स्थिति के अनुसार उपयुक्त पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए EPFO के नियमों और प्रक्रियाओं से अवगत होना चाहिए।

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