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सिबिल स्कोर के बदल गए नियम, जानिये लोन लेने वालों पर क्या पड़ेगा असर CIBIL Score Rule

CIBIL Score Rule: भारत में आज के समय में लोन लेना एक आम बात हो गई है। चाहे घर खरीदना हो, कार खरीदना हो या फिर अपना व्यवसाय शुरू करना हो, अधिकतर लोग बैंकों से लोन लेकर अपने सपनों को साकार करते हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि लोन लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर कितना महत्वपूर्ण होता है? सिबिल स्कोर आपकी वित्तीय स्थिति का एक महत्वपूर्ण सूचक है, जिसके आधार पर बैंक आपको लोन देने का निर्णय लेते हैं। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर से संबंधित नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका प्रभाव लोन लेने वाले हर व्यक्ति पर पड़ने वाला है।

सिबिल स्कोर क्या है?

सिबिल स्कोर एक ऐसा अंक है जो आपकी वित्तीय विश्वसनीयता को दर्शाता है। यह 300 से 900 के बीच होता है, जिसमें 750 से अधिक अंक अच्छे माने जाते हैं। यह स्कोर आपके पिछले ऋण इतिहास, क्रेडिट कार्ड भुगतान, बकाया राशि और अन्य वित्तीय व्यवहारों के आधार पर तय किया जाता है। अच्छा सिबिल स्कोर होने से आपको कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है, जबकि खराब स्कोर होने पर बैंक आपको लोन देने से मना कर सकते हैं या फिर अधिक ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं।

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आरबीआई द्वारा जारी नए नियम क्या हैं?

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने सिबिल स्कोर से जुड़े नए नियमों की घोषणा की है। इन नियमों के अनुसार, अब बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को ग्राहकों का सिबिल स्कोर हर 15 दिनों में अपडेट करना होगा। पहले यह प्रक्रिया महीने में एक बार या अधिक समय अंतराल पर होती थी। अब बैंकों को हर दो सप्ताह में ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी, जैसे कि उनके द्वारा समय पर कर्ज चुकाया गया है या नहीं, इस तरह की सभी जानकारी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को भेजनी होगी।

नए नियमों का कार्यान्वयन कैसे होगा?

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नए नियमों के अनुसार, ग्राहक का सिबिल स्कोर हर महीने की 15 तारीख और महीने के अंतिम दिन अपडेट किया जा सकता है। क्रेडिट इंस्टीट्यूशन (CI) और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CICs) यदि चाहें, तो 15 दिनों के अंतराल पर डेटा अपडेट करने के लिए अपने स्तर पर कोई निश्चित तारीख तय कर सकती हैं। यह नया नियम बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों को अपने वित्तीय स्थिति के बारे में अधिक जागरूक बनाने के लिए लागू किया गया है।

नए नियमों का बैंकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

नए नियमों के लागू होने से बैंकों को कई लाभ होंगे। सबसे पहले, बैंक अब अधिक सटीकता से यह निर्णय ले पाएंगे कि किस ग्राहक को लोन देना है और किसे नहीं। दूसरा, अगर कोई ग्राहक लोन पर डिफॉल्ट करता है, तो उसका पता 15 दिनों के भीतर ही चल जाएगा, जिससे बैंक जल्दी कार्रवाई कर सकते हैं। इससे बैंकों के लिए जोखिम का प्रबंधन करना आसान हो जाएगा और वे अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कर पाएंगे। यह नया नियम बैंकों को अपनी लोन नीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करेगा।

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नए नियमों का ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

नए नियमों से ग्राहकों को भी कई फायदे होंगे। सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि उनका सिबिल स्कोर अब जल्दी अपडेट होगा। इससे खराब सिबिल स्कोर वाले लोग जल्दी पता कर पाएंगे कि उनका स्कोर सुधर रहा है या नहीं। दूसरा, अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों का जोखिम मूल्यांकन अधिक सटीकता से होगा, जिससे उन्हें कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। ग्राहक अब अपने वित्तीय व्यवहार में सुधार करके जल्दी से अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बना सकते हैं।

क्या है अच्छा सिबिल स्कोर?

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एक अच्छा सिबिल स्कोर आपको कई लाभ प्रदान करता है। सबसे पहले, अच्छे सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों को बैंक आसानी से लोन देते हैं। दूसरा, उन्हें कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना अधिक होती है। तीसरा, अच्छे सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों को क्रेडिट कार्ड की अधिक सीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं में छूट मिल सकती है। इसलिए हर व्यक्ति को अपना सिबिल स्कोर बेहतर बनाए रखने के लिए प्रयास करना चाहिए।

खराब सिबिल स्कोर के क्या परिणाम हो सकते हैं?

खराब सिबिल स्कोर होने पर आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सबसे पहले, बैंक आपको लोन देने से मना कर सकते हैं। अगर वे लोन देते भी हैं, तो ब्याज दर अधिक हो सकती है। इसके अलावा, आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा कम हो सकती है और आपको अन्य वित्तीय सेवाओं का लाभ नहीं मिल सकता है। इसलिए अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

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अपने सिबिल स्कोर को कैसे सुधारें?

अपने सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले, अपने सभी ऋणों और क्रेडिट कार्ड बिलों का समय पर भुगतान करें। दूसरा, अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा का अधिकतम 30% तक ही उपयोग करें। तीसरा, अनावश्यक रूप से कई क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन न करें। चौथा, अपने क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित रूप से जांच करें और किसी भी त्रुटि को तुरंत सुधारें। इन उपायों को अपनाकर आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बना सकते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी नए नियमों से बैंकों और ग्राहकों, दोनों को फायदा होगा। बैंक अब अधिक सटीकता से लोन देने का निर्णय ले पाएंगे, जबकि ग्राहक अपने सिबिल स्कोर की स्थिति के बारे में अधिक जागरूक रहेंगे। यह नया नियम भारतीय बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों को अपने वित्तीय स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक बनाने में मदद करेगा। इसलिए हर व्यक्ति को अपने सिबिल स्कोर पर ध्यान देना चाहिए और उसे बेहतर बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

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Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। वित्तीय निर्णय लेने से पहले हमेशा किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए निर्णयों के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। सिबिल स्कोर और लोन से संबंधित सभी नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए हमेशा नवीनतम जानकारी के लिए अपने बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क करें।

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