RBI Guidelines: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी की गई एक महत्वपूर्ण गाइडलाइन के अनुसार, बाजार में 100 रुपये के नकली नोटों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। आरबीआई की हाल ही में जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि वर्ष 2024-2025 के दौरान पकड़े गए नकली नोटों में सबसे अधिक संख्या 100 रुपये के नोटों की है। यह एक चिंताजनक स्थिति है और इसलिए सभी नागरिकों के लिए यह जानना अत्यंत आवश्यक हो गया है कि वे कैसे असली और नकली नोटों में अंतर पहचान सकते हैं।
नोटबंदी के बाद बदला भारतीय मुद्रा का परिदृश्य
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद, भारतीय मुद्रा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव आए। रिजर्व बैंक ने सबसे पहले 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट जारी किए, जिसके बाद क्रमशः 100 रुपये, 200 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये और 10 रुपये के नए डिजाइन वाले नोट बाजार में लाए गए। वर्तमान में, 100 रुपये का नया नोट दैनिक लेन-देन में व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। यह नोट अपने आकर्षक लैवेंडर रंग और नए सुरक्षा फीचर्स के साथ जारी किया गया था।
100 रुपये के असली नोट की पहचान करने के तरीके
100 रुपये के असली नोट की पहचान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले, नोट के दोनों तरफ देवनागरी में “१००” अंक स्पष्ट रूप से छपा होना चाहिए। नोट के मध्य भाग में महात्मा गांधी की तस्वीर होती है, जो एक विशेष तकनीक से छपी होती है। साथ ही, नोट के ऊपरी हिस्से पर “आरबीआई”, “भारत”, “इंडिया” और “100” छोटे अक्षरों में लिखा होता है, जिसकी छपाई की गुणवत्ता उच्च होती है।
सुरक्षा विशेषताएं जो बनाती हैं नोट को असली
100 रुपये के असली नोट में कई अत्याधुनिक सुरक्षा विशेषताएं शामिल की गई हैं, जिन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। नोट को मोड़ने पर इसमें लगे सुरक्षा धागे (सिक्योरिटी थ्रेड) का रंग हरे से नीला हो जाता है, जो एक महत्वपूर्ण सुरक्षा फीचर है। इसके अलावा, नोट पर “100” का वॉटरमार्क भी मौजूद होता है, जिसे नोट को प्रकाश की ओर करके देखा जा सकता है। यह वॉटरमार्क नकली नोटों में बनाना अत्यंत कठिन होता है और इसलिए यह असली नोट की पहचान का एक विश्वसनीय तरीका है।
नोट के पीछे की महत्वपूर्ण विशेषताएं
100 रुपये के नोट के पीछे के हिस्से पर भी कई महत्वपूर्ण विशेषताएं मौजूद हैं, जिन्हें जानना आवश्यक है। नोट के पीछे छपाई का वर्ष स्पष्ट रूप से अंकित होता है, जो नोट के जारी होने की तिथि को दर्शाता है। इसके अलावा, नोट पर एक स्लोगन, विभिन्न भारतीय भाषाओं में “सौ रुपया” शब्द और अशोक स्तंभ का चित्र भी छपा होता है। ये सभी विशेषताएं एक असली नोट में स्पष्ट और उच्च गुणवत्ता की छपाई में होनी चाहिए।
डिजिटल उपकरणों के माध्यम से नोट की जांच
आधुनिक तकनीक के इस युग में, आरबीआई ने नागरिकों की सुविधा के लिए डिजिटल माध्यमों से भी नोटों की पहचान करने की व्यवस्था की है। अगर आप नोट की प्रामाणिकता की जांच करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं, तो आप “paisaboltahai.rbi.org.in” वेबसाइट पर जा सकते हैं। इस वेबसाइट पर न केवल 100 रुपये के नोट बल्कि सभी मूल्यवर्ग के नोटों की विस्तृत जानकारी, फोटो और ग्राफिक्स के साथ उपलब्ध है।
सावधानियां जो बरतनी चाहिए
नकली नोट से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है। जब भी आप किसी दुकान, बाजार या अन्य स्थानों पर लेन-देन करें, तो 100 रुपये के नोट को ध्यान से देखें। अगर नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर धुंधली दिखती है, सुरक्षा धागे का रंग परिवर्तन नहीं होता, या वॉटरमार्क स्पष्ट नहीं है, तो वह नोट संदिग्ध हो सकता है। ऐसे में, उस नोट को स्वीकार करने से बचें और यदि संभव हो तो नजदीकी बैंक में जाकर उसकी जांच करवाएं।
नकली नोट मिलने पर क्या करें?
अगर आपको कोई नकली नोट मिलता है, तो तुरंत उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन या बैंक में जमा करवाना चाहिए। नकली नोट रखना या उसका उपयोग करना कानूनी अपराध है। इसलिए, अपनी सुरक्षा के लिए और समाज में नकली मुद्रा के प्रचलन को रोकने के लिए, ऐसे नोटों की सूचना अधिकारियों को देना हमारा नैतिक कर्तव्य है।
आरबीआई के प्रयास और जनजागरूकता
आरबीआई लगातार नागरिकों को नकली नोटों के खतरे से बचाने के लिए कई प्रयास कर रहा है। बैंक नियमित रूप से अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देते हैं और जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाते हैं। आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अलावा, कई बैंक शाखाओं में भी नोटों की प्रामाणिकता जांचने के लिए विशेष मशीनें लगाई गई हैं, जिनका उपयोग आम नागरिक भी कर सकते हैं।
बाजार में नकली नोट की समस्या से निपटने के उपाय
नकली मुद्रा की समस्या से निपटने के लिए सरकार और आरबीआई लगातार नए उपाय अपना रहे हैं। इनमें अधिक सुरक्षा विशेषताओं वाले नोट जारी करना, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और जनता को जागरूक करना शामिल है। हालांकि, इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ आम नागरिकों का सहयोग भी बेहद जरूरी है।
डिजिटल भुगतान का बढ़ता महत्व
नकली नोटों की समस्या के कारण, डिजिटल भुगतान माध्यमों का महत्व और भी बढ़ गया है। यूपीआई, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और डेबिट/क्रेडिट कार्ड जैसे विकल्प न केवल सुरक्षित हैं बल्कि इनमें नकली मुद्रा का जोखिम भी नहीं होता। हालांकि, अभी भी हमारे देश में बड़ी संख्या में लोग नकदी का उपयोग करते हैं, इसलिए नकली नोटों के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
भविष्य की मुद्रा सुरक्षा तकनीकें
आरबीआई लगातार मुद्रा सुरक्षा में नई तकनीकों का विकास और उपयोग कर रहा है। भविष्य में, और अधिक सुरक्षित नोट जारी किए जा सकते हैं, जिनमें बायोमेट्रिक फीचर्स, नैनो चिप्स और अन्य उन्नत तकनीकें शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा, डिजिटल रुपया (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) के आगमन के साथ, नकदी के उपयोग में कमी आने की संभावना है, जिससे नकली मुद्रा की समस्या भी कम होगी।
Disclaimer
उपरोक्त जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से प्रदान की गई है। नोटों की प्रामाणिकता की जांच के लिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों और आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचनाओं का संदर्भ लें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर की गई किसी भी कार्रवाई के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं हैं। अगर आपको कोई नकली नोट मिलता है या आप किसी भी प्रकार के संदिग्ध मुद्रा लेनदेन का सामना करते हैं, तो कृपया तुरंत स्थानीय पुलिस या बैंक अधिकारियों से संपर्क करें।