Advertisement

नई और पुरानी रिजीम में क्या है अंतर, जानिए कौनसी रिजीम है बेहतर Income Tax

Income Tax: आयकर विभाग ने हाल ही में आयकर रिटर्न (ITR) से संबंधित सभी फॉर्म जारी कर दिए हैं। टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। समय पर टैक्स रिफंड प्राप्त करने के लिए इस अंतिम तिथि का पालन करना आवश्यक है। टैक्स रिटर्न भरते समय करदाताओं को दो विकल्प मिलते हैं – पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम। इन दोनों विकल्पों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं, जिससे कई करदाता इस बारे में उलझन में रहते हैं कि किस रिजीम का चयन करें।

नई टैक्स रिजीम

नई टैक्स रिजीम को फरवरी 2025 के बजट में और अधिक किफायती बना दिया गया है। इस रिजीम के अंतर्गत, करदाताओं को 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना पड़ता है, और स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो जाती है। नई रिजीम में टैक्स की गणना भी सरल बनाई गई है, जिससे आम करदाता बिना किसी विशेष परामर्श के अपना टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं।

Also Read:
Free Silai Machine Yojana फ्री सिलाई मशीन योजना के फॉर्म भरना शुरू Free Silai Machine Yojana

नई टैक्स रिजीम में छूट और कटौतियों का प्रावधान नहीं है, लेकिन इसके बदले में टैक्स की दरें कम रखी गई हैं। इस रिजीम का लाभ उन करदाताओं को अधिक मिलता है जो टैक्स बचत के लिए निवेश नहीं करते हैं या जिन्हें विभिन्न भत्ते नहीं मिलते हैं। यदि आप सेक्शन 80सी के अंतर्गत निवेश नहीं करते हैं, तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है।

पुरानी टैक्स रिजीम

पुरानी टैक्स रिजीम में करदाताओं को विभिन्न प्रकार की छूट और कटौतियों का लाभ मिलता है। इसमें सेक्शन 80सी के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर कर में छूट, लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जैसे भत्तों पर कर छूट शामिल है। यदि आप नियमित रूप से टैक्स बचत के लिए निवेश करते हैं, जैसे कि पीपीएफ, एनपीएस, जीवन बीमा प्रीमियम, या होम लोन का भुगतान करते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकती है।

Also Read:
EPFO New Rule 7 करोड़ PF खाता धारकों के लिए बड़ी खबर, EPFO ने किए 5 बड़े बदलाव EPFO New Rule

पुरानी रिजीम में टैक्स की दरें अधिक होने के बावजूद, विभिन्न छूट और कटौतियों के कारण कुल देय कर कम हो सकता है। यदि आप किसी ऐसी कंपनी में काम करते हैं जो आपको विभिन्न भत्ते प्रदान करती है, या यदि आप नियमित रूप से टैक्स बचत के लिए निवेश करते हैं, तो पुरानी रिजीम आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है।

वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान

आयकर विभाग के अनुसार, वेतनभोगी कर्मचारियों को एक विशेष छूट दी गई है। वे एक वित्तीय वर्ष से दूसरे वित्तीय वर्ष में नई टैक्स रिजीम से पुरानी टैक्स रिजीम में, या इसके विपरीत स्विच कर सकते हैं। यह लचीलापन वेतनभोगी कर्मचारियों को अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार सबसे फायदेमंद विकल्प चुनने की सुविधा देता है।

Also Read:
School Summer Vacation छात्रों की हो गई बल्ले बल्ले, 45 दिन बंद रहेंगे स्कूल School Summer Vacation

व्यापारियों और पेशेवरों के लिए, एक बार नई टैक्स रिजीम का चयन करने के बाद, पुरानी रिजीम में वापस जाना अधिक जटिल हो सकता है। इसलिए उन्हें दोनों विकल्पों का गहराई से विश्लेषण करके ही निर्णय लेना चाहिए।

किस रिजीम का चयन करें

दोनों टैक्स रिजीम में से किसका चयन करना चाहिए, यह व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है। अपने लिए सही विकल्प चुनने के लिए, आप दोनों रिजीम में अपना टैक्स कैलकुलेट करके तुलना कर सकते हैं। आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर टैक्स कैलकुलेटर उपलब्ध है, जिसका उपयोग करके आप आसानी से अपना टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं।

Also Read:
PM Ujjwala Yojana Registration फ्री गैस सिलेंडर योजना के आवेदन फॉर्म भरना शुरू PM Ujjwala Yojana Registration

नई टैक्स रिजीम का लाभ उन लोगों को अधिक होता है जिनकी आय कम है या जो टैक्स बचत के लिए निवेश नहीं करते हैं। दूसरी ओर, पुरानी टैक्स रिजीम उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो नियमित रूप से बचत और निवेश करते हैं, और जिन्हें विभिन्न भत्ते मिलते हैं।

आवश्यक जानकारी और समय पर कार्रवाई

आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले अपनी आय, निवेश और खर्चों का सही रिकॉर्ड रखना महत्वपूर्ण है। फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, निवेश प्रमाण पत्र और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों को संभालकर रखें ताकि आयकर रिटर्न भरते समय कोई परेशानी न हो।

Also Read:
High Court सरकारी कर्मचारियों के तबादले के मामले में हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, बताया- नहीं होता ये अधिकार High Court

याद रखें कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है। देरी से दाखिल करने पर जुर्माना लग सकता है और रिफंड में भी देरी हो सकती है। समय पर कार्रवाई करके न केवल जुर्माने से बचें बल्कि अपना रिफंड भी जल्दी प्राप्त करें।

नई या पुरानी टैक्स रिजीम में से किसी का चयन करना पूरी तरह से आपकी वित्तीय स्थिति और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। दोनों रिजीम के फायदे और नुकसान को ध्यान में रखते हुए, अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करें। अगर आप निवेश और भत्तों का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी रिजीम बेहतर हो सकती है। यदि आप सरलता चाहते हैं और टैक्स बचत के लिए निवेश नहीं करते हैं, तो नई रिजीम आपके लिए उपयुक्त हो सकती है।

अंततः, सही निर्णय लेने के लिए, दोनों रिजीम में अपना टैक्स कैलकुलेट करें और जिस विकल्प में आपको कम टैक्स देना पड़े, उसका चयन करें। आवश्यकता पड़ने पर कर सलाहकार से परामर्श करना भी उचित रहता है।

Also Read:
Ladli Behna Awas Yojana List लाड़ली बहना आवास योजना की नई लिस्ट जारी Ladli Behna Awas Yojana List

Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय या कर सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। विशिष्ट कर संबंधी मामलों के लिए, कृपया योग्य कर सलाहकार या आयकर विभाग से परामर्श करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी त्रुटि या चूक के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। करदाताओं को अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने से पहले उचित विशेषज्ञ सलाह लेनी चाहिए।

Also Read:
8th Pay Commission 1 करोड़ कर्मचारियों को झटका, अभी करना होगा इतना इंतजार 8th Pay Commission

Leave a Comment

Whatsapp Group