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होम लोन लेते वक्त 5 बातों का जरूर रखें ध्यान, अधिकतर लोग कर देते हैं गलती Home Loan EMI

Home Loan EMI: आज के समय में अपना घर खरीदना हर मध्यम वर्गीय परिवार का सपना होता है। लेकिन घर की बढ़ती कीमतों के कारण, एकमुश्त पैसा जुटाना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए अधिकांश लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। होम लोन एक बड़ी वित्तीय प्रतिबद्धता है जिसे सोच-समझकर लेना चाहिए। सही जानकारी और उचित योजना के साथ होम लोन लेने से आप आर्थिक परेशानियों से बच सकते हैं और अपनी ईएमआई आसानी से चुका सकते हैं।

आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन

होम लोन लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करना जरूरी है। इसमें अपनी मासिक आय, खर्च और मौजूदा कर्ज का हिसाब शामिल है। यह आकलन आपको यह समझने में मदद करेगा कि आप कितना लोन ले सकते हैं और कितनी ईएमआई आसानी से चुका सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आपकी मासिक ईएमआई आपकी कुल आय का 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर आप ज्यादा लोन लेते हैं तो ईएमआई भी ज्यादा होगी, जिससे मासिक खर्चों को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है।

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लोन की अवधि छोटी रखें

होम लोन लेते समय जहां तक संभव हो, लोन की अवधि छोटी रखने का प्रयास करें। छोटी अवधि में भले ही आपकी ईएमआई अधिक होगी, लेकिन कुल ब्याज काफी कम हो जाएगा। छोटी अवधि में आप मूलधन ज्यादा जमा करते हैं, जिससे लोन जल्दी समाप्त हो जाता है। उदाहरण के लिए, 20 साल के लोन की तुलना में 15 साल के लोन पर आप लाखों रुपये का ब्याज बचा सकते हैं। इसलिए अपनी वित्तीय क्षमता के अनुसार लोन की अवधि तय करें।

पर्याप्त डाउन पेमेंट करें

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मकान की कीमत का कम से कम 20 प्रतिशत डाउन पेमेंट देने का प्रयास करें। ज्यादा डाउन पेमेंट करने से लोन की राशि कम होती है, जिससे ब्याज का भुगतान भी कम होता है। उदाहरण के लिए, 50 लाख के घर के लिए अगर आप 10 लाख का डाउन पेमेंट करते हैं, तो आपको सिर्फ 40 लाख का लोन लेना होगा। यह न केवल आपका ब्याज कम करेगा बल्कि आपकी ईएमआई भी कम होगी। इससे आप पर वित्तीय बोझ कम होगा और आप आसानी से लोन चुका पाएंगे।

आय बढ़ने पर ईएमआई बढ़ाएं

अगर आपकी आय में वृद्धि होती है, तो अपनी ईएमआई भी बढ़ाने पर विचार करें। ज्यादा ईएमआई देने से आप लोन का प्रिंसिपल अमाउंट जल्दी चुका पाएंगे और लोन की अवधि भी कम हो जाएगी। अधिकतर बैंक ईएमआई बढ़ाने की सुविधा देते हैं, जिसके लिए आपको बैंक से संपर्क करना होगा। याद रखें, जितनी जल्दी आप लोन चुकाएंगे, उतना ही कम ब्याज देना होगा। लोन चुकाने के बाद आप अपने पैसे निवेश में लगा सकते हैं और अपना वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

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लोन का बीमा जरूर कराएं

होम लोन एक बड़ी जिम्मेदारी है, इसलिए अपने परिवार की सुरक्षा के लिए लोन का बीमा जरूर करवाएं। अधिकांश बैंक होम लोन के साथ बीमा का विकल्प प्रदान करते हैं। अगर आप लोन का बीमा करवा लेते हैं, तो किसी अनहोनी की स्थिति में लोन चुकाने का बोझ आपके परिवार पर नहीं पड़ेगा। बीमा कंपनी बकाया लोन का भुगतान कर देगी। यह एक छोटा सा निवेश है जो आपके परिवार को बड़ी आर्थिक परेशानी से बचा सकता है।

विभिन्न बैंकों के लोन फीचर्स की तुलना करें

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होम लोन लेने से पहले विभिन्न बैंकों के लोन फीचर्स की तुलना करना बहुत जरूरी है। हर बैंक की ब्याज दरें, लोन राशि, प्रोसेसिंग फीस और अन्य शर्तें अलग-अलग होती हैं। इंटरनेट पर कई वेबसाइट हैं जो विभिन्न बैंकों के होम लोन की तुलना करने में मदद करती हैं। अपने क्रेडिट स्कोर पर भी ध्यान दें, क्योंकि अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर आपको बेहतर ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है। हमेशा ऐसे बैंक का चुनाव करें जो आपको अधिक लाभ और सुविधाएं दे रहा हो।

लोन एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें

लोन लेते समय बैंक एक एग्रीमेंट पर साइन करवाता है। अधिकतर लोग इसे बिना पढ़े ही साइन कर देते हैं, जो एक बड़ी गलती है। एग्रीमेंट में ब्याज दर, लोन अवधि, पूर्व भुगतान शुल्क, देरी से भुगतान पर जुर्माना और अन्य महत्वपूर्ण शर्तें लिखी होती हैं। इन सभी बातों को ध्यान से पढ़ें और अगर कोई बात समझ में न आए, तो बैंक अधिकारी से पूछें। एग्रीमेंट को अच्छी तरह समझने से बाद में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।

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फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दर का चुनाव

होम लोन में मुख्य रूप से दो प्रकार की ब्याज दरें होती हैं – फिक्स्ड और फ्लोटिंग। फिक्स्ड ब्याज दर पूरी लोन अवधि में एक समान रहती है, जबकि फ्लोटिंग ब्याज दर बाजार की स्थिति के अनुसार बदलती रहती है। अगर आप मानते हैं कि भविष्य में ब्याज दरें घटेंगी, तो फ्लोटिंग ब्याज दर चुन सकते हैं। लेकिन अगर आप नियमित ईएमआई पसंद करते हैं और बाजार की अनिश्चितता से बचना चाहते हैं, तो फिक्स्ड ब्याज दर बेहतर होगी।

टैक्स लाभ का उपयोग करें

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होम लोन लेने का एक बड़ा फायदा यह है कि इस पर भुगतान किए गए ब्याज और मूलधन पर आयकर में छूट मिलती है। आयकर अधिनियम की धारा 24(b) के तहत ब्याज भुगतान पर 2 लाख रुपये तक और धारा 80C के तहत मूलधन पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ मिलता है। इन टैक्स लाभों का उपयोग करके आप अपने टैक्स में बचत कर सकते हैं और इस तरह लोन का बोझ भी कम हो जाता है। अपने टैक्स सलाहकार से इस बारे में विस्तार से जानकारी लें।

सही समय पर लोन प्रीपेमेंट करें

अगर आपके पास अतिरिक्त पैसे हैं, तो उन्हें लोन के प्रीपेमेंट में लगाएं। लोन का प्रीपेमेंट करने से न केवल आपका कर्ज जल्दी उतरता है, बल्कि आप ब्याज में भी काफी बचत कर सकते हैं। हालांकि, प्रीपेमेंट करने से पहले बैंक के प्रीपेमेंट शुल्क के बारे में जानकारी लें। कई बैंक होम लोन पर प्रीपेमेंट शुल्क नहीं लेते हैं, लेकिन कुछ बैंक लेते हैं। इसलिए प्रीपेमेंट करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि ब्याज बचत प्रीपेमेंट शुल्क से अधिक है।

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होम लोन लेना एक बड़ा वित्तीय निर्णय है जिसे सोच-समझकर लेना चाहिए। अपनी आर्थिक स्थिति का सही आकलन करें, लोन की अवधि छोटी रखें, पर्याप्त डाउन पेमेंट करें और लोन का बीमा जरूर करवाएं। विभिन्न बैंकों के लोन फीचर्स की तुलना करें और लोन एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें। टैक्स लाभ का उपयोग करें और जब भी संभव हो, लोन का प्रीपेमेंट करें। इन सावधानियों को अपनाकर आप बिना किसी वित्तीय तनाव के अपने सपनों का घर पा सकते हैं और अपनी ईएमआई आसानी से चुका सकते हैं।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। होम लोन से संबंधित नियम, शर्तें और प्रक्रियाएं बैंक से बैंक और समय के साथ बदल सकती हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए निर्णयों से होने वाले किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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